लग्नेश, कार्येश तथा चंद्र का विचार करके सामान्य शुभ योगों की स्थिति देखकर ऐसे प्रश्नों का फलादेश किया जा सकता है।
4.
सामान्य शुभ कार्यों के लिए शुभ कालखण्डों एवं मुक्ति के लिए शुभ एवं अशुभ दोनांे काल खंडों का स्मरण किया जाता है।
5.
सामान्य शुभ ' के अर्थ में-इस प्रसंग में ‘ पब्लिक ' का सही प्रतिशब्द ‘ लोक ' है न कि ‘ सार्वजनिक ' या ‘ जनपद ' ।
6.
20 दिसम्बर रात 12 बजकर 15 मिनट पर गुरू अपनी नीच राशि मकर से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश कर गये हैं गुरू का कुम्भ राशि में गोचर सामान्य शुभ नहीं माना जाता है।
7.
गुरुवार, 22 अप्रैल 2010 को बन रहे योग का सर्वार्थ सिद्धि अमृत योग प्रात: 6 बजकर 21 मिनट से दोपहर 11 बजकर 11 मिनट तक फिर 3 बजकर 22 मिनट तक सामान्य शुभ समय है।